Monday, February 8, 2021

योगात्मक

 


भाषाक वर्गीकरण मूल रूपे दू प्रकार स अछि, अयोगात्मक आ योगात्मक । योगात्मक क अनुसार भाषा क उतपति कोनो न कोनो योग स भेल अछि । ई योग दु प्रकार तत्त्व क होएत अछि 1) अर्थ तत्त्व 2) संबंध तत्त्व अर्थ तत्व मने मूल तत्व आ सम्बन्ध तत्त्व मने रूप तत्व । एहि प्रकार स देखल जाए त प्रकृति आ प्रत्ययक योग स शब्द सभक रचना होएत अछि ।  एहिक अनुसार शब्दक स्वतंत्र अस्तित्व नहि अछि । विश्वक सभसे बेसी भाषा योगात्मके अछि ।

 

योगात्मक भाषा मे मूल शब्द मे  विभक्ति और प्रत्यय क योग रहैत अछि ।कखनहु प्रकृति तत्व मे उपसर्ग क प्रयोग सेहो होइत अछि । प्रकृति शब्द क मूल तत्व अछि जे अर्थ क आधार अछि । प्रत्यय ओकरा स्पष्ट कैनिहार ब्यापार क अंश अछि । और उपसर्ग प्रकृति - प्रत्ययक योग सं उत्पन्न शब्दार्थ क द्योतक अथवा रूपान्तरक होइत अछि । एहि तरहें अधिकांश शब्द क निष्पत्ति मे तीनू तत्व आवश्यक होइत अछि ।

एहि तरहें स्पष्ट कएल जा सकैछ -------

        उपसर्ग + प्रकृति +प्रत्यय = शब्द

        द्योतक +अर्थ तत्व + ब्यापार

  यथा

 उपसर्ग       प्रकृति       प्रत्यय

 प्र    +      चर्       +घञ्          =प्रचार

प्र    +      ह्र       +   घञ्         = प्रहार

उपसर्ग मुख्यतः कृदन्त शब्द मे लगैत अछि तद्धित मे नहि।

एकर प्रायः तीन भेद होइत अछि ------

    (क)   अश्लिष्ट योगात्मक

    (ख)   श्लिष्ट योगात्मक

     (ग)  प्रश्लिष्ट योगात्मक

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