सुनो हिम्मतवाली(1983), जानी दोस्त (1983) यू जो तूम एकाएक गई हो, सदमा (1983) दे गई हो । तूम बॉलीवूड की एक नंबर की मवाली (1983) कलाकार (1983) थी । तुम्हारा ये आखिरी सरगम (1984) हमें इन्कलाब (1984) के अंत तक याद रहेगा । बॉलीवुड तुम्हारा मकसद (1984) था और तुम्हारा अभिनय हम सबके लिए तौफा (1984), लेकिन इस अकलमंद (1984) को इस तरह जो तूम छोड़कर चली गई तो कईयों के अंदर जाग उठा इंसान (1984) है । नया जमाना के साथ नया कदम (1984) मिलाकर तुमने आज के दादा (1985) का अच्छा बलिदान दिया, वो कहते है न सरफरोशी (1985) की तम्मना अब हमारे दिल में है टाईप ।
ओ मास्टरजी (1985) ये आग और शोला (1986) एक साथ क्यों भड़काती थी तूम । सुहागन (1986) न होने के बावजूद भी सुहागन होकर इस जादू नगरी (1986) में घुमती रही । क्या फायदा हुआ इस सल्तनत (1986) को नज़राना (1986) देकर । तुम बॉलीवूड की न केवल धर्म अधिकारी (1986) रही बल्कि आखिरी रास्ता (1986) पकड़ कर पूरे बॉलीवूड की भगवान दादा (1986) बन गई ।
अरी ओ जांबांज (1986) अदाकारा इस घर संसार (1986) के चक्कर में तुम ने कईयों को नागीन (1986) बनकर डसा, लेकिन किसी की क्या मज़ाल(1987) जो कर्मा (1986) के इस औलाद (1987) का मुंह बंद कर दे, क्योंकि तुमने पहले ही कह रखा था किसी भी बात का जवाब हम देंगे (1987) ।
खैर तुम मी0 इंडिया (1987) बनी, वतन के रखवाले बनी (1987) और अपने हिम्म्त और मेहनत (1987) से सोने पे सुहागा कर दिया (1987) । वाह री मेरी शेरनी (1988) तुम राम अवतार (1987) बनकर इस कलियुग में आई और वक्त की आवाज (1988) सुनकर जोशिले (1989) अंदाज में मेरा फर्ज (1989) अदा कर गई ।
ओ मेरी चांदनी (1989) तुम्हारी निगाहें (1989) जब गैर-कानूनी (1989) ढंग से उठती है न तो कइयों को मैं तेरा दुश्मन (1989) बना जाती है ।
अरी ओ चालबाज़ (1989) तुम्हारे जुल्म के जंजीर (1989) से की गई नाकाबंदी (1990) हैरान (1990) करती है । ओ बंजारान (1991) तुम्हारे इस लैला मजनू (1992) और हीर-रांझे (1992) वाले लम्हे (1991) का तो खुदा गवाह (1992) भी है । वॉलीवूड के फरिश्ते (1991) भी तुमसे फना मांगते थे । तुम्हारे गुमराह (1993) ने तो कईयों को आसमान से गिरा (1992) दिया ।
ओ मेरी चंद्रमुखी (1993) तुम तो रूप की रानी, चोरों का राजा (1993) थी ये अचानक से गुरूदेव(1993) क्यों बन गई । तूम बॉलीवूड का लाडला (1994) थी, चांद का टुकड़ा (1994) थी फिर एकाएक आर्मी (1996) बनकर तुमने ग्रेट रॉबरी (1996) क्यों कर डाली । बॉलीवूड को मी0 बेचारा (1997) बनाकर तुमने इस इंडस्ट्री को जुदाई (1997) दे दी, अब ये कितना सही है कौन सच्चा है कौन झूठा (1997) ये तो तूम ही समझो । मेरे लिए तो अब भी तूम मेरी बीबी का जवाब नही (2004) है हो । फिर ये इस दुनिया को इंग्लिश-विग्लिश (2012) देकर तुम बॉलीवूड की मॉम (2017) बनकर इस दुनिया को ही छोड़ चली । हे श्री अम्मा यंगर मयप्पन तूम जो चले गए हो यू अचानक से इस फैन को बहुत तड़पा गए हो । तुम्हारी याद आएगी ।
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