Sunday, December 9, 2012

गाँव मैं लौटूंगा

 गाँव मैं लौटूंगा
अपना वादा निभाने
जो कर के गया था
तुझसे बिछड़ते समय
की हम मिलेंगे दोबारा
एक नए जज्बे
एक नए जोश के संग
जब मैं लिखूंगा
इतिहास तुम्हारा
एक नए सिरे से
और तुम फिर से
मुझे अपने बाँहों में
भरकर करना
उतना ही प्यार
जितने के लायक हूँ मैं।
क्योंकि 'माँ' मुझे पता हैं
पुत्र कुपुत्र हो सकते हैं
माता कुमाता नहीं होती।
गाँव मैं लौटूंगा
मेरे वादा हैं तुमसे









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