Wednesday, December 20, 2017

चेंज फॉर श्योर बहा रहा है परिवर्तन की हवा

सोनवर्षा राज । कहते हैं वो खुद ही पुरा करते हैं मंजिल आसमानों की, परिंदों को नहीं दी जाती तालीम उड़ानों की । ठीक इसी को चरितार्थ किया है सहरसा जिला के, सोनवर्षा राज के कुछ उत्‍साही युवाओं के समूह ने । विकास के लिए सरकार और प्रशासन के दरवाजों पर हाजि़री न बनाकर इन युवाओं ने गॉंवों की तकदीर और तकरीर बदलने का जिम्‍मा खुद अपने हिस्‍से लिया और ‘’चेंज फॉर श्‍योर’’ नाम से एक ऐसे संस्‍थान का गठन किया जो बिना कागज के ही कुछ वर्षों में ही सोनवर्षा राज में विकाश की एक नई इबारत लीख दी ।


जी हॉं हम बात कर रहे हैं, सहरसा जिले के एक छोटे से गाँव सोनवर्षा राज की जहाँ के कुछ उत्‍साही युवाओं की टोली गॉंव के विकाश के लिए अपने स्‍तर से प्रयासशील है । शहर के विकाश के लिए ये हमेशा अपने स्‍तर से प्रयासशील रहते हैं, फिर बात स्‍वच्‍छता की हो या स्‍वास्‍थय की, गरीबों के मदद की हो या समाजिक कार्यों की ये युवा हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेते हैं । विगत कुछ वर्षो से इन युवाओं ने अपने स्‍तर से प्रयास कर समाज में परिवर्तन की जो हवा चलाई है वो काबिले तारिफ है । आलम ये है कि गाँव के इन युवाओं की सरहाना बड़े बुजुर्ग भी खुले मन से करने लगे है ।

‘’ संस्‍था के अध्‍यक्ष संतोष वर्मा कहते हैं कि युवाओं के कंधे पर ही देश का भविष्‍य टिका है, ये चाहे तो छोटे से गॉंव से शुरू हुआ ये कारवॉं पुरे देश में परिवर्तन की गंगा बहा देंगे।‘’


रक्‍त दान दे दिलाई पुरे जिले में पहचान
 
चेंज फॉर श्‍योर की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, सोनवर्षा जैसे छोटे से गॉंव में भी लोग अब खुलकर रक्‍तदान करने लगे हैं । चेंज फॉर के सदस्‍यों के प्रयास का ही यह नतीजा है कि गॉंव में हुए रक्‍तदान शि‍विर में सौ से ज्‍यादा युवाओं ने हिस्‍सा लिया, और हमेशा रक्‍त की कमी से जुझते लोगों के मदद के लिए खड़े रहते हैं । आलम ये है कि अब हमारे इस मुहिम की गुँज पटना तक जा रही है । दिन में कई कई कॉल खुन की उपलब्धता के लिए आने लगी है ।

‘’ संस्‍था के सचिव मनीष कुमार कहते हैं कि हम और हमारे सदसयों ने यह सपथ ली है कि खुन की कमी से इस इलाके में किसी को मरने नहीं देगें और हमारी ये कोशि‍श हमारे शरीर में खुन के आखि‍री कतरे तक जारी रहेगी’’

मनीष कुमार बताते है कि हमें प्रतिदिन सप्‍ताह तीन से चार कॉल आता है कि खुन की उपलब्धता के लिए, और हम हर संभव मदद के लिए तैयार भी रहते हैं । अगर डोनर उपलब्ध नहीं हो तो हमारी कोशि‍श रहती है कि हम डोनर कार्ड मरीज के परिजनों तक पहुँचा सके ताकि नजदीकी बल्‍ड बैंक से उन्‍हे खुन उपलब्‍ध हो सके । विगत कुछ महिनों में हमारी संस्था ने सौ से ज्‍यादा लोगों को रक्‍त उपलब्ध करवाया है । और इसके लिए हमारे युवा साथी हरवक्‍त तैयार रहते हैं फिर चाहे वो दिन हो या रात । कई बार तो ऐसा भी होता है कि हमारी संस्‍था ने ऐसे लोगों को रक्‍त उपलब्ध करवाया है जिनसे आज तक हमारी जान पहचान भी नहीं है या आज तक उनसे मिले भी नहीं है । मनीष कुमार बताते है कि रक्‍त ही एक एसी वस्‍तु है जिन्‍हे किसी भी मशीन द्वारा तैयार नहीं किया जा सकता है, यह हमारे और आपके ही दान से किसी का जिवन बचा सकता है । इसलिए यह जरूरी है हम नियमित रूप से रक्‍तदान करते रहें ताकि लोगों कि जिंदगी ससमय बचाया जा सके ।

गाँधी के सपनों को पुरा करेगा चेंज फॉर श्‍योर

चेंज फॉर श्‍योर के युवा साथी गाँधी के सपनो को पुरा करने में लगें । स्‍वच्‍छता की बात जब भी आती है हमारे युवा साथी झाड़ू उठाने के लिए हमेशा तत्‍पर रहते हैं । फिर बात गॉंधी जयंती हो अथवा छठ घाटों की सफाई, हमने हमेशा शासन और प्रशासन से एक कदम आगे बढ़कर समाज में सफाई का काम किया है । हर वर्ष छठ घाटों की सफाई का जिम्‍मा हमने बिना किसी मदद की अपने सदस्‍यों के द्वारा जमा किए गए चंदों से करते हैं । 
"संस्‍था के फडिंग के सवाल पर कोषाध्‍यक्ष अमित कुमार टिंकु बताते हैं कि हमें न तो सरकार से अपेक्षा है न ही प्रशासन से कोई उम्‍मीद । इस बाबत हमने अपने युवा साथि‍यों के साथ एक मिलकर सामज्‍सय बैठाया है । हरेक साथी अपने आय का कुछ प्रतिशत प्रति महिने संस्‍था में जमा करते है, जो भविष्‍य में हमारी कार्ययोजना को मजबूती प्रदान करता है ।"

परिवर्तन का संक्‍लप हमारा मूल उदेश्‍य है

संस्‍था का नाम अंग्रेजी में क्‍यो है इस सवाल पर प्रवक्‍ता सह सोशल मीडिया प्रभारी सुनील कुमार झा जी कहते है, दरअसल गॉंव आज तक मंडली और संस्‍थान जैसे नाम से उपर नहीं उठ पाया है । यह नाम एक बार कम से कम लोगों को अपने ओर आकर्षि‍त तो करती है, लोग रूककर एकबारगी पढ़ते हैं समझते है फिर आगे बढ़ते हैं । युवाओं के लिए http://facebook.com/changeforsure  नाम से एक पेज भी बनाया है जिसमें हमारी कार्ययोजना और हमारे द्वारा किए गए कार्य की रिपोर्ट देश-विदेश तक पहुँच पाती है ।  वैसे हमने इसका टैगलाईन ‘परिवर्तन के लिए दृढ़ संकल्‍पित’ दिया है । इसमे परिवर्तन का अर्थ है समाज की सोच को बदलना, फिर चाहे वो भौतिक हो, मानसिक हो, सामाजिक हो, या देश में फैले कुरीतियो का हो और हम अपने इस मुहिम में सफल होते भी दिख रहे हैं । लोगों की सोच में परिवर्तन हो रहा है, लोग जाग रहे है । ये हमारी सबसे बड़ी जीत है ।

हिम्‍मत से पतवार संभालो, फिर क्‍या दुर किनारा

संस्‍था के वरीष्‍ट सदस्‍य तपेश प्रसाद जायसवाल बताते है कि शुरू में हमे बहुत दिक्‍क्‍त आई । लोगों ने हमें दुत्‍कारा भला बुरा कहा । ऐसी-ऐसी बहुत सी संस्‍था आई और गई लेकिन हमारा कुछ भला नहीं कर पाई । तुम लोग भी ऐसे ही करोगे, जनता का पैसा लूटेगे आदि आदि कई बातें सुनने को मिली । लेकिन हम हार नहीं माने और अपने धुन में लगे रहें नतीजा आज वही लोग कंधे से कंधा मिलाकर हमारे साथ चल रहे हैं, हमारा साथ दे रहे हैं । आज हमारे पास 200 से ज्‍यादा सक्रि‍य सदस्‍य है ।


साथी हा‍थ बटॉना

समाजिक सहयोग पर समवेत स्‍वर में हमारे सदस्‍य आनंद वर्मा, समीर कुमार, गोविन्‍द कुमार, कुंदन कुमार, अमन कुमार, गोपाल चौधरी, अमित विश्‍वास, रमेश चौधरी, रंजीत गुप्‍ता, प्रो0 नवल सिंह, रूपेश सिंह, विप्‍लव कुमार, चिंटू सिंह, अखि‍लेस ठाकुर, शुभम भारती, कन्हैया राठौर, प्रीतम चौधरी आदि कहते हैं कि परिवर्तन तभी संभव है जब सबका साथ सबका हाथ मिलें । और यह सबका समवेत प्रयास ही है कि आज यह संस्‍था इस मुकाम पर है । हमारे युवा साथी हमारे हरेक कार्यों पर मिल-जुलकर अपना सहयोग दे रहे हैं ।

गॉंव में स्‍वच्‍छता के लिए निकालेंगे स्‍वचछता रथ

हमारी आगामी कार्ययोजना जिसपर कार्य चल रहा है वह है स्‍वच्‍छता रथ का । ये स्‍वचछता रथ रोज सुबह हरेक गली मोहल्‍ले से गुजरेगा और लोगों को कचड़ा प्रबंधन को लेकर जागरूक बनाएगा । दरअसल यह रथ डोर टू डोर कुड़ा उठाव और उसके निस्‍तारण के लिए चलेगा । साथ ही साथ यह लोगों को जागरूक भी करेगा ताकि लोगा अपने आस-पास गंदगी न फैलाए । अपने गॉंव से शुरू होकर यह रथ भविष्‍य में और गॉंवों को भी इससे जोड़ेगा ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों मे जागरूकता फैल सके ।

...और अंत मे

यह न कोई संस्‍था है न कोई सगंठन, चेंज फॉर श्‍योर एक सोच है जिसे हर एक के दिलों में जिंदा रखना हमारा लक्ष्‍य है । और जब देश के प्रति, समाज के प्रति, और इंसान के प्रति लोगों के सोच में परिवर्तन होगा तभी हम अपने लक्ष्‍य अपने मिशन में कामयाब हो पाऍंगे । 

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