Sunday, March 9, 2014

चुनावी हायकू !!


समझे जब 
महिमा चुनाव 
की कुद पड़े है ।

खादी कुरता 
पहन के बांचते 
झूठ पुलिंदा ।

बदले रंग 
गिरगिट के जैसे 
आया चुनाव ।

पका पुलाव 
गरीबो के घर 
में आया चुनाव ।

सारे कमीने 
मरने के बाद 
ही बनते नेता ।

है होशि‍यार 
फिर भी नही देते 
अपना वोट ।

रालोसपा भी 
नमोनिया मरीज 
मोदी लहर ।

रामविलास 
पकड़ लिए हाथ 
जला चिराग ।

पांच साल से 
सब रहै है चुप 
लेंगे बदला ।

गीरीराज जी 
मुंह के बाबासीर 
रखिये बंद ।

सिद्दकी साब 
करवाया कमाल 
विधायको से ।

लालू राजद 
गिरके ऑंधे मुह 
लगे हांफने ।

जले चिराग 
फिर खिले कमल 
असमंजस ।

सीधी टक्कर 
भाजपा राजद की 
है इस बार ।

लड़ेगी मीसा 
फिर जीतेंगे लालू 
पाटलिपुत्र ।

हुए हैं बागी 
राबड़ी सुपुत्री से 
रामकृपाल ।

रामकृपाल 
चले बीजेपी राह 
खिला कमल ।


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