Sunday, March 23, 2014

छी छी छी


मेरी एक गर्लफ्रेंड थी
छी छी छी 

मै उसकी हर बात मानता था
जी जी जी

मैं रोता था वो हसती थी
खी खी खी

उसने मुझे उल्लू बनाया
भी भी भी

मै डरता था वो डराती थी
ही ही ही 

मैं पागल था जो ऐसा करता था
जी जी जी 



No comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित हैं