Wednesday, March 26, 2014

पक्ष्र और विपक्ष

पक्ष 
जन-जन की है यही पुकार, अबकी बार मोदी सरकार

विकास के ये खोलेंगे द्वार, अबकी बार मोदी सरकार

हिन्दू के जो हैं सरदार, अबकी बार मोदी सरकार

पाकिस्तान को मारे जूते चार, अबकी बार मोदी सरकार

विपक्ष
मर्दों को पहनाए सलवार, ना हो एसी मोदी सरकार 

दंगे के जो खोल द्वार, ऐसी ना हो मोदी सरकार 

जीसकी उम्र हो साठ के पार, ऐसी ना हो मोदी सरकार

बीबी पर करे जो अत्याचार, ऐसी ना हो मोदी सरकार 


और अंत में
मोदी सा ना लो तुम पंगे
इन्होनें करवाए बड़े हैं दंगे
वाराणासी में अपने पाप को
धोकर करेंगे हर-हर गंगे

मोदी है बड़ा वीर महान
बढ़ाया है हिन्दुओं की शान
हाथों में ले कमल निशान
वापस लाएगा हमारा मान

Sunday, March 23, 2014

छी छी छी


मेरी एक गर्लफ्रेंड थी
छी छी छी 

मै उसकी हर बात मानता था
जी जी जी

मैं रोता था वो हसती थी
खी खी खी

उसने मुझे उल्लू बनाया
भी भी भी

मै डरता था वो डराती थी
ही ही ही 

मैं पागल था जो ऐसा करता था
जी जी जी 



बिजली का बुरा हाल सोनवर्षा राज बेहाल

सियासी पारे के साथ सूरज भी गरमा रहा है । और गरमा रही है राजनीति । लेकिन इस राज‍नीति के चक्कर में नेताजी ये भूल गए है कि इस पारे का आम-जन पर क्या असर पड़ने वाला है । लोग गर्मी से हलकान हुए जा रहे है और बिजली है की आने का नाम ही नहीं ले रही । पहले जो लाईट 8 से 10 घंटे तक रह जाती थी अब 2 से 4 घंटे में ही मुंह-दिखाई कर वापसी की राह पकड़ लेती है । इस बार होली की मस्ती को भी अंधेरे ने लील लिया । लोग इन्वर्टर और जेनरेटर के सहारे अपने आप को राहत पहुंचाने की जुगत में लगे रहे । सबसे ज्यादा परेशानी तो युवाओं को हुआ । उनकी ‘’डीजे’’ की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई । डीजे के घुन पर थि‍रकने को तैयार युवा मोबाइल से ही काम चलाकर रह गए । लेकिन आखि‍रकार कब तक ? मोबाइल को भी तो कभी ना कभी चार्ज करना ही पड़ता, सो कइयों को निराशा हाथ लगी ।

गाँव-गाँव में पावर सब स्टेशन तो खुल गए हैं, लेकिन बिजली नदारद है । कभी अगर बिजली आ भी जाती है तो वोल्टेज इतना कम होता है कि‍ कुछ भी करना मुश्कि‍ल हो जाता है । नाम मात्र की बिजली डिबीया से भी कम रोशनी करती है । कभी-कभी तो बल्ब देखकर ये भी भ्रम हो जाता है कि डिबीया जल रही है । एसी और फ्रिज की तो बात ही छोड़ दीजि‍ए, घर का छोटा टुल्लू पम्प भी नही चल पाता । ऐसे में पानी की मारामारी है सो अलग । सरकार ने हरेक प्रखंड में पानी की टंकी तो लगा रखी है, लेकिन बिजली के अभाव में उसका भी मोटर सिर्फ दिखावे का बनकर रह गया है । हरेक मुहल्ले में नल तो लग गया, लेकिन पानी कहीं नहीं ।

कुछ बड़े घरों ने हाई पॉवर के स्टेबलाइजर लगा रखे है जो सारे इलाके की बिजली अकेले ही चट कर जाते हैं । आम जन परेशान है, लेकिन नेता अपने चुनाव प्रचार में लगे हैं । जनता की सुधि‍ लेने की बजाय एसी गाड़ी में घूम-घूम कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं । नीतीश बाबु दिन-प्रतिदिन बिजली की नई-नई योजनाओं का शि‍लान्यास और उद्घाटन तो कर रहें हैं, लेकिन हकीकत महज कागजों तक ही सिमटी दिखाई दे रही है । बिहार को बिजली के क्षेत्र में सक्षम बनाने का दावा कर नीतीश जी ने अपनी पीठ जरूर थपथपा ली हो लेकिन हकीकत आज भी कोसों दूर है । हाथ में झुलता पंखा और डिबीया की रोशनी सच्चाई बयां करने के लिए काफी है ।

Thursday, March 13, 2014

कह-मुकरी (होली स्पेशल)



(१)

चढ़ता सबको उसका खुमार
आता जब भी लाता प्यार
प्रेम रंग सी उनकी बोली
ए सखि‍ साजन ?
ना सखि‍ होली ।

(२)

तन भीगे मन भीगा जाय
याद कभी जब उसकी आय
खुशियों की वो रचे रंगोली
ए सखि‍ साजन ?
ना सखि‍ होली ।

(३)

कानो में है मीसरी घोले
अपनी ताल पे जब वो बोले
तन मन जाता दोनो डोल
ए सखि‍ साजन ?
ना सखि‍ ढ़ोल ।

(४)

महक है ऐसी मन भरमाए
चेहरे को जब भी सहलाए
तन-मन दोनो होए अधीर
ए सखि‍ साजन ?
ना सखि‍ अबीर ।

(५)

जब आता वो रंग बरसाता
अपने प्यार से हमे नहलाता
तन-मन भीगे भीगी चोली
ए सखि‍ साजन?
ना सखि‍ होली ।

Sunday, March 9, 2014

चुनावी कह - मुकरी


सर्वे को थोथा बतलाता 
अपनी अपनी ही चलवाता 
कहता हैं सबका हूं ईश 
ए सखि‍ टीवी, ना नीतीश 

आम आदमी बनकर आया 
खास आदमी बन गया भाया 
ऐसा फैला उसका जाल 
ए सखि‍ नेता, केजरीवाल 

खेलता है चिट्ठी- चिट्ठी 
गुम है अभी सिट्टी-पिट्टी 
बगावत मेँ मिलता आनंद 
ए सखि प्र॓मी, ना शिवानंद 

काँग्रॆस की वो जोहता बाट 
नही करेंगा जदयू से सांठ 
गठजोड़ी में फस्ट किलास 
ए सखि लालू, ना रामविलास 

आता है वो मफलर डाल 
खांसी से उनका बुरा हाल 
फिस्स हो गई आपकी चाल 
ए सखि‍ गरीब, ना केजरीवाल 

विशेष राज्य का गाये राग 
जनता की दब गई आवाज 
कहते खुद को मठाधीश 
ए सखि बिहार? 
ना सखि‍ नीतीश !! 

धरना प्रदर्शन इनका काम 
युगांडा को भी मिलेगा मान 
अनशन की फिर चली है चाल 
ए सखि अन्ना ? ना केजरीवाल !! 

परवीन संग गया पीटर 
बीजेपी की चली है हीटर 
और बनो तुम मठाधीश 
ए सखि‍ चुनाव ना सखि नीतीश 

फिर से जादू उनका बोला 
उतरेगा भाई उड़नखटोला 
भाग्य हैं बैठे उनके गोदी 
कि‍ सखि मेला? ना सखि‍ मोदी !! 


जदयू में जब गली ना दाल 
उसने चली 'आप' की चाल 
जदयू का तो बज गया बीन 
ए सखि वोटर ना परवीन !! 

आर सी पी को पड़ गये जुते 
रंजन भी ना रहे अछुते 
जनता ने फिर पीटा यूं 
ऐ सखि चोर ना सखि‍ जदयू !! 

विराटनगर जा करे रंगरेली 
पटना हाईकोर्ट ने कसी नकेली 
उनका गया है बाजा बज 
के सखि‍ लुच्चा ना सखि‍ जज !! 

बक्सर से लड़ सकते भैया 
पकडेंगे भोजपुरी नैया 
नेता की पकड़ी है गाड़ी 
कि सखि बाउंसर? ना मनोज तिवारी !! 

कपड़े तक वो लियो खोलाय 
मोदी की फिर महिमा गाय 
निर्लज्जता में है वो घना 
के सखि‍ बीबी ?? 
ना रे मेघना !! 

मातिहारी की थामे कमान
नेता ने कर दिया ऐलान
भाजपा दांत रहें हैं पीस
ए सख‍ि गंगेश्वर ?
ना अवनीश !! 

लालू की हो गई हैकरी गुल
मोदी का जब बजा बिगुल 
दावा किए थे सीना तान 
कि सखि चुनाव ?
ना सखि‍ मैदान !! 

मातिहारी की थामे कमान 
नेता ने कर दिया ऐलान 
भाजपा दांत रहें हैं पीस 
ए सखि‍ गंगेश्वर ? 
ना अवनीश !! 

कपड़े तक वो लियो खोलाय 
मोदी की फिर महिमा गाय 
निर्लज्जता में है वो घना 
के सखि‍ बीबी ?? 
ना रे मेघना !! 

इस्तिफे का है खेल निराला 
दिल्ली का मुंह किया है काला 
लोकपाल की चली है चाल 
ए सखि नेता ? 
ना केजरीवाल !! 

चाय दूध का चला है खेल 
जनता की हो गई रेलम-पेल 
यूं पार करेंगे अपनी 
नाव ए सखि‍ मेला? 
ना चुनाव !! 

चाय की चली है आँधी 
उड़ ना जाए सारे गांधी 
भाग्य है बैठे उनके गोदी 
ए सखि‍ चुनाव ? 
ना सखि मोदी !! 

एक कमरे में दो दबंग 
टीवी को कर दिया था बंद 
नेताऔ का है ये अंगना 
ए सखि संसद? 
ना तेलांगना !! 

डंडा बिस्कुट मिलेगा फ्री 
उनका है ये आइडिया थ्री 
राजनीति में है वो चालू 
ए सखि मोदी ? 
ना सखि लालू !! 

पोटा पर कर दिया है चोट 
है उनकी नीयत में खोट 
राजनीति में सबसे बीस 
ए सखि‍ राजद ? 
ना नीतीश !! 

मोदी को कर दिया खड़ा 
जोशी अपनी जिद पर अड़ा 
देश प्रेम का भरा है रस 
ए सखि‍ भाजपा ? 
ना बनारस !! 

जोशी ने है खेला खेल 
हो गई इनकी इंजन फेल 
और बैठे तुम इनके गोदी 
ए सखि‍ भाजपा ? 
ना सखि‍ मोदी !! 

पांच-पांच को भेजा घर 
है इनकी हालत बदतर 
कहते थे अपने को बीस 
ए सखि‍ खेल ? 
ना नीतीश !! 

गांधी राह पर चले नीतीश 
सत्याग्रह कर झुकाया शीश 
विपक्ष‍ियों का किया झंड 
ऐ सखि‍ अनशन ? 
ना बिहार बंद !! 

आऐंगे वो आज बिहार 
होगी उनकी फिर हुंकार 
बैठेंगे लोजपा की गोदी 
ए सखि भाजपा ? 
ना सखि‍ मोदी !! 

चुनावी जोगीरा

होली हो और जोगीरा ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता । इसलिए सोचा आप लोगों के लिए कुछ जोगीरा हो जाय । चुनावी मौसम हैं और होली का रंग है तो चुनावी जोगीरा से खेलते है ।

नीकु महिमा गाय के 13 हुए अलग, 
लालू वाणी सुन के फिर 6 हो गये सलग । जोगीरा सा रा रा 

सुन के वाणी भाजपा की रालोसपा हो लिए साथ, 
लोजपा लॉलीपॉप देख के छोड़े लालू का साथ । जोगीरा सा रा रा

13 विधायक लगा गये लालू घर में सेंध, 
नीकू ने पटकी है सीधे वाइड नो बॉल गेंद । जोगीरा सा रा रा रा 

मोदी लहर में डूब गए सारे छोटे दल - 2 
राजद के भी विधायक ने कर लिया दल-बदल। जोगीरा सा रा रा रा 

चुनाव के इस मौसम में बिना बात के जंग, 
होली के पहले ही इनके चेहरे गए हैं रंग । जोगीरा सा रा रा रा

कांग्रेस टूटी, भाजपा टुटा टुट गया हर दल, 
राजद ने भी मौका भांपकर कर लिया दल-बदल । जोगीरा सा रा रा 

बच्चा होता अस्पताल में, कोर्ट में मिलता बाप, 
ऐसे हाथ मिलाया उनसे कि आप हो गई साफ । जोगीरा सा रा रा रा

चुनावी हायकू !!


समझे जब 
महिमा चुनाव 
की कुद पड़े है ।

खादी कुरता 
पहन के बांचते 
झूठ पुलिंदा ।

बदले रंग 
गिरगिट के जैसे 
आया चुनाव ।

पका पुलाव 
गरीबो के घर 
में आया चुनाव ।

सारे कमीने 
मरने के बाद 
ही बनते नेता ।

है होशि‍यार 
फिर भी नही देते 
अपना वोट ।

रालोसपा भी 
नमोनिया मरीज 
मोदी लहर ।

रामविलास 
पकड़ लिए हाथ 
जला चिराग ।

पांच साल से 
सब रहै है चुप 
लेंगे बदला ।

गीरीराज जी 
मुंह के बाबासीर 
रखिये बंद ।

सिद्दकी साब 
करवाया कमाल 
विधायको से ।

लालू राजद 
गिरके ऑंधे मुह 
लगे हांफने ।

जले चिराग 
फिर खिले कमल 
असमंजस ।

सीधी टक्कर 
भाजपा राजद की 
है इस बार ।

लड़ेगी मीसा 
फिर जीतेंगे लालू 
पाटलिपुत्र ।

हुए हैं बागी 
राबड़ी सुपुत्री से 
रामकृपाल ।

रामकृपाल 
चले बीजेपी राह 
खिला कमल ।


कबीर वाणी - खास चुनावी



नंगा होकर देह में फोटो लिया सटाय । 
मोदी महिमा गाए के वैतरणी पर लगाय ।।


मेघना मोदी फोटो से बदन लिए जो ढांप ! 
पूनम भी शर्माय के बदन लिए हैं झांप !!


कबीरा माया मोदी की, कपङे दियो खोलाय। 
आँखन पट्टी बाँध कर पूनम भी शरमाय ।।


मेघना साङी बांधिये, गॉठन जोर लगाय । 
क्या जाने किस मोङ पर काँग्रेसी लियो खुलवाय ।।


अन्ना खड़े बजार में लिए लोकपाल हाथ ।
केजरी इस्तिफा देकर अब चलो हमारे साथ ।।

Monday, March 3, 2014

चुनावी गीत

नीतीश की गन्दी बात

खाली पीली सेक्यूलर का चोंगा ओढ़ लिया रे
टीचर की जगह सबको खि‍चड़ी थमा दिया रे
विशेष राज्य के मुद्दे से सरकार बनाई
केन्द्र का पैसा भी वापस कर दिया रे
थाली खूब पीटा
गाली खूब दिया
दारू खुब बेचा
फिर भी किया विश्चासघात
गन्दी बात, गन्दी गन्दी गन्दी गन्दी गन्दी बात ।

रामविलास की टंग  टंग

तुने छोड़ा साथ यार, हमने लपका हाथ यार
टंग टंग टंग टंग
सुन के मोदी की बात, चल पड़े है उनके साथ
टंग टंग टंग टंग
ना दौड़ा भागी करना, है मुझे अब सुधरना
फिर कांग्रेस का साथ दे  के गर्त में ना गिरना
साथ में लेकर चिराग चल दिये है मोदी साथ
टंग टंग टंग टंग

भाजपा के बन्दे

बन्दे हैं मोदी के, हम सब साले चोर
हिन्दू की ये आंधी, अब चली है चारो ओर
भगवा का है चोला, लाठी का है जोर
अपने हाथो से मोदी को पीएम बनाए हम ।


लालू की अटरि‍या

हमरे तबेले में, आजा रे बिलसवा
भैसींया की चाय तनिक होई जाए – 2

दिल्ली में बैठे पिया, करे साठा गांठी
बहुत सीट मांगे पिया, बनावे ना साथी
करे बातें शान की ।

आजा बिहार, जिताई दू चुनाव
जदयू को मजा आज चखाई दे

हमरे तबेले में, आजा रे बिलसवा

भैसींया की चाय तनिक होई जाए – 2