Tuesday, October 30, 2012

राम नहीं रावण चाहिए


गर्भवती माँ ने बेटी से पूछा क्या चाहिए तुझे? बहन या भाई..!!
बेटी बोली भाई !!
माँ: किसके जैसा?
बेटी: रावण सा….!
माँ: क्या बकती है?
पिता ने धमकाया, माँ ने घूरा, गाली देती है, रावण जैसे भी भाई भी किसी को चाहिए भला??
बेटी बोली, क्यूँ माँ?
बहन के अपमान पर राज्यवंश और प्राण लुटा देने वाला, शत्रु स्त्री को हरने के बाद भी स्पर्श न करने वाला रावण जैसा भाई ही तो हर लड़की को चाहिए आज, छाया जैसी साथ निबाहने वाली गर्भवती निर्दोष पत्नी को त्यागने वाले मर्यादा पुरषोत्तम सा भाई लेकर क्या करुँगी मैं? जिसने अपने प्यारी बहन शांता के लिए एक बार भी भात्रधर्म ना निभाया हो, उस बहन के लिए जिसने त्याग कर दिया था अपने पिता के लिए अपने आपको, और जिसके प्रताप से आये थे राम इस दुनिया में.
और माँ अग्नि परीक्षा, चौदह बरस वनवास, और अपहरण से लांछित बहु की क़तर आहें तुम कब तक सुनोगी और कब तक राम को ही जन्मोगी …..!!!
माँ सिसक रही थी – पिता आवाक था..