Thursday, July 12, 2012

सिर्फ नालंदा का मतलब बिहार नहीं हैं नितीश बाबु

  • नालंदा में बना दिया जायेगा हवाई अड्डा
  • इंडोर शूटिंग रेंज का उद्घाटन
  • विवरेज एंड फ़ूड प्लांट का उद्घाटन
  • पहला आल विमेन कोपरेटिव बैंक
  • २३ हज़ार करोड़ की योजना हुई आवंटित
  • खेती में बनाया अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड
  • स्वास्थ सेवा में लगातार दुसरे साल पहले नंबर पर
उपरोक्त खबर बिहार विकास की दास्तान जरुर कह रही हैं लेकिन आपको ताज्जुब होगा की सारी खबर नालंदा से सम्बंधित हैं, मतलब विकास तो हुआ हैं लेकिन किसी एक जिले में ही सिमट कर रह गया हैं। इसे मुख्यमंत्री जी की कृपा कहे या गृह जिला होना का फायदा नालंदा सबमे अव्वल हैं। इधर हाल में ही टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक खबर छपी की महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार दो जिलो में आल विमेन कोपरेटिव बेंक खोल रही हैं, खास बात यह की इसमें से भी एक जिला नालंदा हैं। इस मौके पर एक पत्रकार ने सहकारी मत्री रामाधार सिंह से सवाल किया की इस बार भी नालंदा ही क्यों तो मंत्री जी गोलमोल जवाब देकर चुप हो गए। बोलते भी क्या सुशासन का डंडा जो हैं।

सम्बंधित खबर -: नालंदा मे बना देल जाएत हवाई अड्डा


सच पूछिये तो कोई आश्चर्य नहीं हुआ इस बात से आये दिन आखबार के पन्नो पर यह खबर दिखने को मिल जाती हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिला होने का फायदा इस जिले को इतना मिल रहा हैं की आज राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर की सौ से ज्यादा एजेंसी हर क्षेत्र में यहाँ विकास के लिए कार्य कर रही हैं। ऐसा नहीं हैं की नालंदा को यह स्थान लालू और जगन्नाथ के समय में भी मिल रहा था या प्राचीन होने का गौरव यह जिला कांग्रेस के ज़माने में भी ले रहा था, नालंदा में विकास का सफ़र तो नितीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने से शुरू हुआ हैं। आये दिन यह जिला अखबार के सुर्खी का काम करता हैं, चाहे वो हवाई अड्डा के निर्माण प्रस्ताव के लिए हो, या फिर मनरेगा में राष्ट्रीय अवार्ड के लिए, स्वास्थ सेवाओ में लगातार दो सालो तक पहले नंबर पर आने का हो या फिर कृषी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने का हो। नालंदा सबमे अव्वल हैं।

वैसे आंकड़ो की यह लम्बी कहानी यूँ ही नहीं बनी हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिला होने के कारण मंत्रियो की अनवरत कृपा इस जिले पर बरसती रहती हैं, आपको बता दे की खेती में प्रयुक्त होने वाले पॉवर टिलर पुरे देश में सबसे ज्यादा यही पर हैं जो की पुरे बिहार का ७५% हैं। हरेक संस्था अपने विकास के लिए इसी जिले को चुनती हैं, पूछने पर एक संस्था के प्रतिनिधि ने बताया की मुख्यमंत्री के गृह जिला होने के कारण वो सारी सुविधा मिल जाती हैं जिसकी हमें जरुरत होती हैं।

सवाल ये नहीं हैं की नालंदा में विकास क्यों हो रहा हैं, सवाल ये हैं की ये भेदभाव क्यों हो रहा हैं। दरभंगा में हवाई अड्डा रहते हुए भी आई आई टी नहीं बना कहा गया हवाई संपर्क नहीं हैं, मोतिहारी में छोटे रनवे का बहाना बनाकर विश्वविध्यालय नहीं खुला, लेकिन नालंदा में विश्वविद्यालय के लिए हवाई अड्डा बना देना कुछ हज़म नहीं हुआ। एक तरफ कोशी क्षेत्र को हरेक साल बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ता हैं और नदी जोड़ो परियोजना की तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं हैं।  कोशी क्षेत्र की एकमात्र लाइफलाइन डुमरी पुल क्षतिग्रस्त हैं और सरकार चैन की नींद सो रही हैं, नालंदा को मॉडल जिला बनाया जा रहा हैं और एतिहासिक दरभंगा को नाकारा जा रहा हैं। क्यों ? क्या बिहार का मतलब सिर्फ नालंदा हैं या नितीश सिर्फ नालंदा जिले के मुख्यमंत्री हैं।

मेरी यह रचना मैथिली के प्रसिद्ध न्यूज़ पोर्टल इसमाद पर भी छाप चुकी हैं पढने के लिए यहाँ क्लिक करे - नीतीश जी अहां बिहारक मुख्‍यमंत्री छी

1 comment:

  1. सुनील बाबु शायद कुछ ऐसा ही है |
    नितीश बाबु समझते है की सिर्फ नालंदा का मतलब बिहार ही हैं |

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